Uttarkashi: शीतकाल के लिए विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए आज बंद कर दिए गए। इसके साथ मां गंगा की डोली मुखवा के लिए रवाना हो गई है। केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को भैयादूज पर बंद होंगे। वहीं शीतकाल के लिए भगवान बदरीनाथ के कपाट 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
14 नवंबर को गंगो़त्री धाम के कपाट पुरे विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गये है। अन्नकूट के पावन पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट आज 11 बजकर 45 मिनट पर बंद किये गये। इस पल के कई श्रद्धालु साक्षी बने। जिन्होंने मां गंगा से सुख-समृद्धि की कामना की। जिसके बाद मां गंगा की भोगमूर्ति डोली से मुखवा गांव के लिए रवाना हुई। जहां शीतकाल के दौरान मां की रोजना पूजा की जाएगी। कपाट बंद करने के मौके पर वेद मंत्रो के साथ मां गंगा की मूर्ति का महाभिषेक किया गया। इसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना कर कपाट बंद कर दिये गये। जिसके बाद बंगा की डोली को लेकर तीर्थ पुरोहित मुखवा के लिए रवाना हुए। 15 नवंबंर को मां गंगा की उत्सव डोली 6 महीने बाद अपने मायेके मुखबा पहुंचेगी। जहां पर ग्रामीण मां गंगा का भव्य स्वागत करेंगे।                                                                                                    वहीं कल 15 नवंबर को यमुनोत्री और केदाराथ के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। भगवान बदरीनाथ के कपाट 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

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