हरिद्वार। गंगोत्री धाम से पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल के लिए रवाना हुई पवित्र जल कलश यात्रा आज हरिद्वार पहुंची। इस दौरान अखिल भारतीय खड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कलश यात्रा का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। कलश के जल से 27 नवंबर को पशुपति नाथ मंदिर में जलाभिषेक होगा।

इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि गंगा भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म की पहचान है। गंगोत्री धाम से ले जाए जाने वाले पवित्र गंगा जल से नेपाल स्थित पशुपति नाथ मंदिर में पूरे साल भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है। श्रीमहंत रविद्रपुरी ने बताया कि कलश यात्रा मुरादाबाद, लखनऊ, गोरखपुर स्थित गोरक्षनाथ मंदिर होते हुए पशुपतिनाथ मंदिर काठमांडू नेपाल पहुंचेगी। यह कलश यात्रा विश्व के कल्याण के साथ साथ भारत एवं नेपाल के मध्य मैत्री संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए परंपरागत रूप से निकाली जाती है। शास्त्रों में वर्णित है कि गंगाजल को शिवालय में अर्पित करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

वही, गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश ने बताया कि सदियों से चली आ रही यह यात्रा बीच में किन्हीं कारणों से बंद हो गई थी। यह 2023 वी ऐतिहासिक यात्रा है। साहित्यिक और पुरातात्विक साक्ष्य मिलने के बाद सभी प्रमाण नेपाल सकार को मुहैया कराए गए। इसके बाद 15 साल बाद यात्रा फिर से शुरू की गई थी। उन्होंने बताया कि 27 नवंबर को कलश यात्रा नेपाल पहुंचेगी। इसके बाद पशुपतिनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया जाएगा।

स्वागत करने वालों में महंत रविपुरी, मुख्तियार रघुवन, एसएम जेएन पीजी कॉलेज प्रबंध समिति के सदस्य आरके शर्मा, मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल शर्मा, अखिल भारतीय सनातन परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार बत्रा, महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विशाल गर्ग,राकेश गोयल, भोला शर्मा,प्रतिक सूरी, सुंदर राठौर आदि मौजूद रहे।

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