देहरादून, अनुसूचित जाति जनप्रतिनिधि सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने अनुसूचित, दलित और वनवासी समाज के लिए अस्तित्व, अस्मिता और आत्मनिर्भरता का जो मंत्र दिया था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उसका प्रसार पूरे देश में हो रहा है। पंडित दीनदयाल के अन्त्योदय के सिद्धांत के आधार पर समाज के अंतिम पायदान पर बैठा व्यक्ति जब सत्ता के सिंहासन पर बैठेगा तो वह अंत्योदय से राष्ट्रोदय का समय होगा।
सोमवार को जीएमएस रोड स्थित एक होटल में गढ़वाल संभाग के अनुसूचित जाति जनप्रतिनिधि सम्मेलन में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा क् िरामनाथ कोविंद और फिर द्रोपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद पर आसीन होना उनके द्वारा देखे गए स्वप्न का साकार होना है। वही छत्तीसगढ़ के नामित मुख्यमंत्री भी आदिवासी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों का बेहतरीन सम्मान भी है। उन्होंने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार अनुसूचित समाज का मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के अंदर अकेला जम्मू कश्मीर ही एक ऐसा राज्य था, जिसके यहां अनुसूचित जाति, जनजाति के निवासियों को आरक्षण का लाभ प्राप्त नहीं होता था। धारा-370 हटते ही आरक्षण का लाभ उन लोगों को प्राप्त होने लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस दिन प्रधानमंत्री ने राम मन्दिर का भूमि पूजन किया उसका पहला प्रसाद अपने दलित भाई महावीर के परिवार को मिला। सामाजिक समरसता में विश्वास रखने की हमारी परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अनुसूचित, दलित और जनजातीय समाज के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा समर्पित भाव से कार्य किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, विधायक दुर्गेश्वर लाल, भूपालराम टम्टा, शक्ति लाल शाह, राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्ष रूद्रप्रयाग अमरदेई शाह, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष समीर आर्य, पूर्व विधायक सुरेश राठौड़, देशराज कर्णवाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।