बड़ी खबर : करोड़ों की धोखाधड़ी में पूर्व सीएम के बेटे समेत 18 पर मुकदमा दर्ज

 

उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो,

देहरादून । उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए गाजियाबाद से बड़ी खबर सामने आ रही है गाजियाबाद शहर के इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में हाउसिंग फाइनेंस करने वाली देश की जानी-मानी कंपनी इंडिया बुल्स समेत कई कंपनियों के 18 निदेशको को पर एफ आई आर दर्ज की गई है ।

 

इन सभी के खिलाफ गाजियाबाद के मशहूर शिप्रा समूह एफ आई आर दर्ज करवाई है शिवराज समूह का आरोप है कि इन कंपनियों के निदेशकों ने मिलकर उनके साथ करीब 6000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है ।

 

गाजियाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश पर पुलिस ने 18 आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, जान से मारने की धमकी देने, अवैध रूप से घुसपैठ करने, मारपीट करने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और भरोसा तोड़ने जैसे संगीन आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है।

 

खास बात यह है कि आरोपियों में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा भी शामिल है ।

 

 जानिए क्या है मामला ?

गाजियाबाद के इंदिरापुरम वैभव खंड में शिप्रा मॉल के निवासी अमित वालिया की ओर से यह मुकदमा दर्ज करवाया गया है अमित वालिया ने गाजियाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दी।

 

जिस पर सुनवाई करने के बाद सीजीएम मैं सीआरपीसी की धारा 156 ( 3) के तहत गाजियाबाद पुलिस को एफ आई आर दर्ज करने का आदेश दिया।

 

अमित वालिया की ओर से दर्ज करवाई गई f.i.r. में बताया गया है कि उनके समूह की कंपनियां शिप्रा एस्टेट लिमिटेड, शिप्रा लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड, शिप्रा होटल्स लिमिटेड और कदम ग्रुप मिलकर इंटीग्रेटेड टाउनशिप ,मॉल, मल्टीप्लेक्स, होटल और तमाम दूसरी रियल एस्टेट एक्टिविटीज गाजियाबाद समेत पूरे दिल्ली एनसीआर में करती है।

 

इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड को पता चला कि शिप्रा ग्रुप अपने चार हाउसिंग प्रोजेक्ट और कमर्शियल प्रोजेक्ट के लिए मार्केट से लोन लेना चाहता है।

 

अमित वालिया ने बताया, इंडिया बुल्स के डायरेक्टर मेरे पास आए। उन्होंने वादा किया कि हम आपको 1939 करोड़ रुपए देंगे। यह पैसा मार्केट से कम ब्याज दरों करते हैं।

 

हमारी कंपनी के साथ मिलकर काम करेंगे बाकी प्रोजेक्ट पूरे करने में सहायता करेंगे इंडिया बुल्स की ओर से शर्त रखी गई कि इसके लिए शिप्रा ग्रुप को अपनी संपत्तिया बंधक रखनी होगी ।

 

 कंपनियों की संपत्तियों की कीमत तकरीबन 6000 करोड रुपए

 

अमित वालिया ने आकर बताया हमारे 6 संपत्तियों की कीमत करीब 6000 करोड़ से ऊपर थी इंडिया बुल्स की शुरुआत से ही नीयत ठीक नहीं थी यह सारे लोग हमारी संपत्ति कब जाने की नियत से शुरू से ही जालसाजी और धोखाधड़ी कर रहे थे।

 

हमें अवैध रूप से डिफॉल्टर दिखाकर हमारी 6000 करोड रुपए की कीमती संपत्तियों को अवैध रूप से हड़पने की साजिश रच रहे थे इंडिया बुल्स ने हमें 1686 करोड रुपए नहीं दिए कंपनी ने केवल 864 करोड़ 80 लाख ₹75000 और 310 हमारे खाते में ट्रांसफर किए।

 

यह पैसा भी तुरंत वापस ले लिया गया बाकी धनराशि 820 करोड रुपए कभी शिप्रा समूह की कंपनियों को भेजा नहीं गया इंडिया बुल्स ने शिप्रा एस्टेट लिमिटेड के प्रबंधक निदेशक रोहित सिंह से काफी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए हैं।जिनका वह दुरुपयोग कर सकते हैं।

 

इंडिया बुल्स और एमएम एडलवाइज के प्रतिनिधियों ने जालसाजी और धोखाधड़ी करके जाली दस्तावेज बनाए हैं हमारी अत्यधिक मूल्यवान भूमि और संपत्तियों को हड़पने के इरादे से गैरकानूनी काम किए है।

 

 जानिए क्यों रखा गया प्रॉपर्टी को बंधक ?

 

अमित वालिया ने आगे बताया कि अक्टूबर से नवंबर 2020 के बीच इंडिया बुल्स ने हमें सिर्फ संपर्क किया और पूरी रेजिडेंशियल कमर्शियल परियोजनाओं के लिए पैसा देने का प्रस्ताव दिया।

इंडिया बुल्स ने बाकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों की तुलना में अच्छी दरों पर पैसा देने का प्रस्ताव दिया था। उनका कहना था कि अब हमारे साथ दीर्घकालिक और व्यवसायिक संबंध बनाना चाहते हैं।

 

इंडिया बुल्स के पूर्व चेयरमैन समीर गहलोत और प्रबंध निदेशक गगन बांगा से तमाम बैठक हुई, जिनमें क्षण सुविधाओं पर चर्चा हुई। इन लोगों ने विशेष रूप से वादा किया कि इंडियाबुल्स एक उचित और निष्पक्ष व्यापार शरण लेनदेन करेगा।

 

इंडिया बुल्स ने अपने कर्ज पर सिक्योरिटी मांगी जिसके लिए शिप्रा समूह की अचल संपत्तियों और शेरों को बंधक रखने का प्रस्ताव रखा गया।

 

 भरोसे की आड़ में खेला गया 420 सी का खेल ?

 

अमित वालिया का आरोप है कि शिप्रा समूह को इंडिया बुल्स के गगन बांगा, समीर गहलोत, जितेश मोर, राजीव गांधी और बाकी नितेश को पर भरोसा हो गया इस कारण संपत्तियां बंधक रखने के लिए तैयार हो गए इंडियाबुल्स ने वादा किया कि 1939 करोड़ रुपए की शिप्रा ग्रुप को समय पर प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए देंगे इस भरोसे पर शिप्रा समूह ने नोएडा अथॉरिटी और दूसरी लेन दारु को भुगतान करना शुरू कर दिया।

 

अब पता चला है कि इंडिया बुल्स और उनकी सहयोगी कंपनियों के निदेशकों ने जाली दस्तावेज बनाए हैं यह दिखाने की कोशिश की गई कि शिप्रा समूह को 1686 करोड़ रुपए दिए हैं। वास्तव में केवल 866. 88 करोड़ रुपए दिए गए हैं बाकी पैसा इंडियाबुल्स ने मनमाने ढंग से काट लिया था इनका मकसद गैरकानूनी तरीके से शिप्रा समूह की संपत्तियों को हड़पना है अमित वालिया आगे कहते हैं जब हमें समझ आया कि इंडियाबुल्स वाले हमें फंसा रहे हैं तो तब तक देर हो चुकी थी हमने जैसे ही विरोध किया तो आरोपियों ने 1738 करोड रुपए केवल 7 दिन में वापस देने का नोटिस भेज दिया इनका मकसद शिप्रा समूह की नोएडा के सेक्टर 128 में स्थित 73 एकड़ जमीन हड़पना था इसी कारण 7 दिनों में पूरा पैसा लौटाने का दवा बना दिया।

 

 नाजायज तरीके से प्रॉपर्टी और शेयर बेचने का आरोप

 

अमित वालिया ने आरोप लगाया कि इंडिया बुल्स के प्रतिनिधियों ने हमें कहा कि उनके पास समीर गहलोत, गगन बंगा और साकेत बहुगुणा का निर्देश है कि भुगतान प्राप्त करने पर भी क्षण खातों को बंद नहीं किया जाएगा।

इसके बजाय एक तरफा कार्यवाही करके संपत्तियों को भेजा जाएगा सारी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर ले जाएगा अतत: 30 मई 2021 को इंडियाबुल्स की मांगों के मुताबिक sector-128 वाली जमीन को भेजने की सहमति बनी ।

 

समझौते के तहत डीएलएफ हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड यह जमीन 1250 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए तैयार हुई थी इंडिया बुल्स ने सभी क्षण समझौते कर के विवादों को खत्म करने की सहमति दी थी।

 

इसके बावजूद आरोपियों ने अवैध रूप से और मनमाने ढंग से गिरवी रखे गए शेयरों को m3m समूह की कंपनी फाइनल स्टेप प्राइवेट लिमिटेड को 900 करोड रुपए में भेज दिया।

 

इंदिरापुरम थाने में दर्ज की गई एफआईआर में आगे कहा गया साकेत बहुगुणा समीर गहलोत गगन बांग्ला राजीव गांधी और एमसीएम कंपनी के बसंत बंसल ने मिलीभगत करके हमारी कंपनी को नुकसान पहुंचाया है इन लोगों ने अवैध लाभ कमाने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से जमीन हड़पने की साजिश रची है।

 

मनमाने ढंग से कदम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के गिरवी रखे गए शेयरों को फाइनल लिस्ट आफ प्राइवेट लिमिटेड को 900 करोड रुपए में भेज दिया जबकि इन शेयरों और जमीन को डीएलएफ हाउसिंग कंपनी 1250 को रुपए में खरीदने के लिए तैयार है

 

आरोप है कि अब वास्तविकता का पता चला है यह बहुत बड़ा घपला इंडिया बुल्स और एम 3 एम के निदेशकों ने मिलकर किया है इंडिया बुल्स के प्रतिनिधियों ने एम 3 एम के बसंत बंसल को इसकी एवज में 300 करोड़ रुपए नगद गैरकानूनी तरीके से दिए हैं

 

 इन बड़े लोगों पर दर्ज हुई है एफ आई आर

 

समीर गहलोत, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन

गगन बंगा, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के वाइस चेयरमैन एमडी

अश्वनी ओम प्रकाश कुमार हुड्डा, इंडिया बुल फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड

राजीव गांधी, इंडिया बुल फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड

जितेश मोर, इंडिया बुल फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड

राकेश भगत, इंडिया बुल फाइनेंस हाउसिंग

आशीष जैन, इंडिया बुल फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड

साकेत बहुगुणा, इंडिया बुल फाइनेंस हाउसिंग लिमिटेड

रूप कुमार बंसल एम3एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

बसंत बंसल, एम 3 एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

पंकज बंसल, एम 3 एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

विवेक सिंघल, एम 3 एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

अनीता ठाकुर, एम 3 एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

सुनील कुमार जैन, एम 3 एम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

मनोज डायरेक्टर

रविंद्र सिंह

अजय शर्मा

रशेष चंद्रकांत शाह, एडलवाइज ऐसेट रिकंस्ट्रक्शन

 

इन धाराओं के तहत दर्ज किया गया मुकदमा

 

आईपीसी 420

आईपीसी 467

आईपीसी 468

आईपीसी 471

आईपीसी 120 बी

आईपीसी 323

आईपीसी 504

आईपीसी 506

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