हरिद्वार। कनखल स्थित गीता मंदिर के संचालक स्वामी चिन्मयानंद महाराज के ब्रह्मलीन होने पर संत समाज और उनके अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। महानिर्वाणी अखाड़े के श्रीमहंत सचिवगण, पंच, संतों और समाजसेवियों ने ब्रह्मलीन संत को श्रद्धांजलि दी।
महामंडलेश्वर स्वामी सत्यानंद महाराज ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि स्वामी चिन्मयानंद ने अपना जीवन लोगों की सेवा में समर्पित किया। जो भी उनके पास आता उसे कभी निराश नहीं करते थे। उनके ब्रह्मलीन होने से संत समाज के साथ साथ अन्य लोगों में भी दुख है। इस प्रकार के सेवा भाव से उन्होंने आम जन के बीच अपनी अलग पहचान बनाई। मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा, व्यापारी नेता राजकुमार ठाकुर ने कहा कि स्वामी चिन्मयानंद महाराज स्वामी सदानंद के शिष्य थे।
उन्होंने अपने गुरु के बताए मार्ग पर चलकर अपना जीवन व्यतीत किया। गुरु के प्रति पूरी निष्ठा और सेवा से ही संतों में उनकी पहचान थी। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी आनंद चेतन, महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद, महामंडलेश्वर स्वामी प्रभुधानंद गिरी, स्वामी नरेशानंद, स्वामी विवेकानंद तीर्थ, अनिल, राजू, मनोज, राजेश आदि ने अपनी श्रद्धांजलि दी।