प्रयागराज : एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अन्तर्गत खुशरूबाग में आयोजित किये जा रहे माली प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन 58 बेरोजगार युवक व युवतियों को स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से दिया गया एक माह का प्रशिक्षण मुख्य उद्यान विशेषज्ञ, औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, खुशरूबाग ने बताया है

कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना अन्तर्गत कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, खुशरूबाग, प्रयागराज में आयोजित किये जा रहे माली प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन रविवार को हो गया है। बेरोजगार युवक व युवतियों को स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से 58 बेरोजगारों को एक माह का प्रशिक्षण दिया गया। समापन सत्र पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डाॅ0 विनीत कुमार, उप निदेशक उद्यान प्रयागराज मण्डल, प्रयागराज द्वारा बताया गया कि निजी क्षेत्र में बागवानी की अपार सम्भावना है। प्रशिक्षित मालियो की अत्याधिक कमी है। होटल, निजी उद्यान, राजकीय उद्यान, निजी आवास व राजकीय आवास मार्गो के किनारे ग्राम सभा व नगर पालिका एवं नगर निगम आदि क्षेत्रो पर उद्यान के कार्य किये जाते है परन्तु कुशल प्रशिक्षत माली न होने के कारण उद्यान के रख-रखाव में कठनाई होती है। ऐसे स्थिति में प्रशिक्षण प्राप्त युवको के लिये एक सुनहरा अवसर है। तकनीकी ज्ञान पर चर्चा करते हुये मुख्य अतिथि द्वारा बताया गया कि यह प्रशिक्षण मात्र रास्ता निर्धारण के लिये है। इस क्षेत्र पर मालियो को निरन्तर नये-नये प्रयोग करते रहना चाहिये। पौधों को तैयार करने की विभिन्न विधियों का प्रयोग करके पौधो को समय से तैयार कर उनका विक्रय करके भी आमदनी प्राप्त कर सकते है।

खुशरूबाग के प्रशिक्षण प्रभारी वी0के0 सिंह द्वारा बताया गया कि एक माह का प्रशिक्षण 01.02.2021 को प्रारम्भ हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, कौशाम्बी, फतेहपुर, जौनपुर, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज के कुल 58 प्रतिभागियों द्वारा भाग लिया गया। प्रशिक्षण अवधि में नये उद्यान रेखांकन, पुराने उद्यानों के रख-रखाव, पौधो के द्वारा तैयार की जाने वाली कलाकृतिया, नर्सरी प्रबन्धन, बागों के रख-रखाव, वर्टिकल गार्डन, इण्डोर गार्डन, राक गार्डन आदि के साथ-साथ पौधो के रोग व्याधि आदि के बचाव की जानकारी तथा प्रयोगिक कार्य भी कराये गये।
वैज्ञानिक के रूप में उपस्थित डाॅ0 मनोज सिंह, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, कौशाम्बी द्वारा बताया गया कि अपने स्वयं के उद्यान में भी दी गयी जानकारियों का उपयोग किया जा सकता है। डाॅ0 शैलेन्द्र कुमार सिंह, वैज्ञानिक प्रसार निदेशालय, शुआट्स नैनी, प्रयागराज द्वारा बताया गया कि उद्यान एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर पेड़, पत्ती, फल, फूल, खाद आदि सभी का व्यवसाय किया जा सकता है। प्रशिक्षण प्राप्त प्रतिभागी स्वयं की पौधशाला स्थापना करके व्यवसाय का कार्य करके अधिक मुनाफा कमा सकते है। इसके अलावा डाॅ0 दीपक लाल, डा0 इम्तियाज अहमद आदि उपस्थिति रहे।

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