जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के द्वारा दिए गए आंदोलन कार्य बहिष्कार के लिए रोडवेज कार्यशाला में बैठक की गई। जिसकी अध्यक्षता रोडवेज संयुक्त परिषद के अध्यक्ष कुंवर सिंह ने और संचालन संयुक्त रूप से रोडवेज एम्लाइज यूनियन के मंत्री राकेश चंद्र और समिति के संयोजक दिनेश लखेडा ने किया। समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने 18 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए सरकार को 25 अक्तूबर तक का समय दिया और मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि अपने सानिध्य में तत्काल कर्मचारियों की मांगों का निस्तारण करने की कृपा करेंं। बैठक में कार्य बहिष्कार के दौरान कुछ विशेष श्रेणी के कर्मचारियों ने अपनी व्यथा सुनाई तो समन्वय समिति के पदाधिकारियों की आंखे खुली रह गई, क्योंकि वहां कार्य कर रहे कर्मचारियों में कोई भी संविदा कर्मचारी नहीं है। वहां पर कर्मचारी विशेष श्रेणी के तौर पर बंधुवा मजदूरी वाला कार्य कर रहे हैं। रोडवेज परिवहन निगम उत्तराखंड कर्मचारियों के साथ छलावा कर रहा है।
समन्वय समिति के संयोजक दिनेश लखेडा, रोडवेज संयुक्त परिषद के अध्यक्ष कुंवर सिंह, एम्प्लाइज यूनियन के मंत्री राकेश चंद्र शर्मा, वरिष्ठ पदाधिकारी हरि सिंह ने कहा कि जब तक कर्मचारियों की 18 सूत्रीय मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बैठक कर प्रदेश पदाधिकारियों की त्रिपक्षीय वार्ता नहीं होती तो 26 अक्तूबर से हड़ताल निश्चित है। मांगों में प्रमुख 10, 16, 26 पूर्व की भांति एसीपी, पुरानी पेंसन बहाली, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को स्टर्फ़िंग पैटर्न पर 4200 ग्रैड पे, वाहन चालकों को 2400 इग्नोर कर 4800 ग्रैड पे दिया जाना, पदोन्नति में शिथलीकरण, कर्मचारियों की रुकी हुई पदोन्नति शीघ्र किया जाना इत्यादि मांगे हैं।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेन्द्र तेश्वर, जिला अध्यक्ष शिवनारायण सिंह जिला मंत्री राकेश भंवर परिषद से राजपाल यादव, वीरेंद्र मोहन ने कहा कि कर्मचारी प्रदेश को हड़ताली प्रदेश नहीं बनाना चाहते हैं किंतु सरकार और शासन की हठधर्मिता यह करने पर मजबूर कर रही है। आश्चर्य है कि रोडवेज कर्मियों को विशेष श्रेणी का दर्जा देकर उनसे छलावा किया जा रहा है। कर्मचारियों को रोडवेज कार्यशाला में कार्य करते हुए 15-15 वर्ष हो गए हैं और कितने ही कर्मचारी ओवरएज हो गए है। पूरे उत्तराखंड में इन कर्मियो की संख्या 4500 के लगभग है दूसरी और निगम द्वारा संविदा कर्मियों की भर्ती कर इनके हितों पर कुठाराघात किया गया जो कि अन्याय पूर्ण है जिसके लिए लड़ाई लड़ी जाएगी।
बैठक में ये सदस्य हुए शामिल
समन्वय समिति की बैठक में राकेश चंद्र, कुंवर सिंह, सुशील कुमार, हर्ष सुरेश, वीरेंद्र मोहन, सुखवीरसिंह, हरी सिंह, शैलेन्द्र कुमार, शिवलाल, तेजपाल, राजपाल यादव, कामेश सैनी, विशेष श्रेणी वाले कर्मचारियों में मनीष कुमार, विजय लखेडा, अमित कुमार, विनीत कुमार, अरविंद, अजय, सूरज, सुरेंद्र खंडूरी, पंकज नेगी, मनोज खंडूरी, उत्तम, पीयूष, संदीप, मनोज, गौरव, अमित, अनिल, गोपी, संजय, भारत, चांद कुमार, जितेंद, अभिलाष, विमल नेगी, वीरेंद्र सिंह, वीरेंद्र कुमार,मोहन, इलम, श्याम विहारी, यतेंद्र रावत, इत्यादि शामिल रहे।

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