हमारे संवाददाता
हरिद्वार। गौ वंश का संरक्षण न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य, कृषि, और पर्यावरण के संतुलन को भी बनाए रखता है। इसलिए इसका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। यह बात उत्तराखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष पंडित राजेंद्र अंतवाल ने जिला कार्यालय सभागार में गौवंश संरक्षण हेतु जनपद में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक लेते हुए कही।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि गौकशी करने वालों के खिलाफ सख़्ती से कार्रवाई अमल में लाई जाए और जनपद मे गौकसी पर पूर्णतः अंकुश हो। निराश्रित गौ वंश को केवल पंजीकृत गौ सदनों एवं गौ शालाओं में ही दिया जाए। किसी भी स्थिति मे गौवंश को अजनबी व्यक्तियों एवं गैर पंजीकृत संस्थाओं के हवाले ना किया जाए। उन्होंने पिछले तीन वर्षों के गौकशी के मामलों की जानकारी लेते हुए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश सम्बंधित अधिकारीयों को दिए। उन्होंने नगर निकायों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निराश्रित गौ वंश के संरक्षण हेतु भविष्य को ध्यान में रखते हुए बड़ी गौ शालाओं के प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजे जाए। केटल कैचर वाहन के लिए भी प्रस्ताव बनाकर शासन में भेजे जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि मीट की दुकानों पर फ़ूड सेफ्टी एक्ट का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। जनपद में गौकशी रोकने के लिए हर थाने स्तर पर स्क्वाड टीम का गठन किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के कांजी हॉउस को भेल के स्वामित्व में संचालन हेतु शिवालिक नगर निकाय को संचालन के लिए देने का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए। उन्होंने अक्टूबर माह से शुरू होने वाली पशु गणना निराश्रित गौ वंश की गणना कार्य को पूरी सावधानी से कराने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि पशु चिकित्सकों की रात्रि ड्यूटी भी लगाई जाए ताकि गौ वंश से सम्बंधित प्राकरण में विलम्ब न हो क्योंकि गौ कसी एवं गौ परिवहन से सम्बंधित अधिकांश प्रकरण रात्रि में ही सामने आते हैं। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, अपर जिलाधिकारी पीएल शाह, उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह, जितेंद्र कुमार के अलावा अश्वनी शर्मा सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share
error: Content is protected !!