हमारे संवाददाता / उत्तराखण्ड प्रहरी ब्यूरो,
सितारगंज। पीड़ित बालिका की मां ने सोमवार की शाम कोतवाली में तहरीर देकर कहा था कि उसकी चार वर्षीय पुत्री रोजाना की तरह गांव के स्कूल में गई थी। हालांकि छोटी आयु होने के कारण उसका स्कूल में नाम दर्ज नहीं था। सोमवार की सुबह प्रात आठ बजे बालिका विद्यालय गई थी। दो-तीन घंटे बाद बच्ची रोते हुए घर लौट आई।
उसने तीन के नाम लेकर उसकी पिटाई की जानकारी अपनी मां को दी तथा इशारा कर दर्द बताया। मां बेटी की बात नहीं समझ पाई। शाम चार बजे बच्ची ने मां को फिर दर्द की बात बताई तो पता चला कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। महिला बेटी और परिजनों को लेकर कोतवाली पहुंची। पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी मिली तो रात को ही तीनों बालकों को संरक्षण में ले लिया गया।
बच्ची के परिजनों से मिलीं आयोग की सदस्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्यता सुमन राय मंगलवार को बच्ची के घर पहुंची। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर संवेदना जताई। बाल आयोग की सदस्या विद्यालय पहुंची। वहां स्टॉफ से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि विद्यालय का स्टॉफ विद्यालय में निंदनीय घटना होने के बाद भी घटना की जानकारी से इंकार कर रहा था। कहा कि विद्यालय स्टॉफ ने जिम्मेदारियों का निर्वहन सही से नहीं किया।