Uttarkashi: दिल्ली से एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर के आ रहे हैं। जिसकी सहायता से मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी। इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकला जा सकेगा। आज शाम से इस मशीन के जरिए काम शुरू करने की कोशिश की जाएगी।
वही अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद भी ली जा रही है। रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की उसे रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है जिसने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला थानॉर्वे की एनजीआई एजेंसी से भी संपर्क किया गया है जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन में विशेष सुझाव लिए जा सके। भारतीय रेल, आरवीएनएल, राइट्स एवं इरकॉन के विशेषज्ञों से भी सुरंग के भीतर ऑपरेशन से संबंधित सुझाव लिए जा रहे हैं।
एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड) के निदेशक अंशू मनीष खलखो का कहना है कि यहां की चट्टान की प्रकृति बहुत नाजुक है। हमने दिल्ली से नवीनतम मशीन को एयरलिफ्ट किया है, और यह कभी भी उतर सकती है। एक घंटे के भीतर यहां के पास चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर मशीन को उतारा जा सकता है। भारतीय वायु सेना हमारी मदद कर रही है। अगले 3-4 घंटों में हम मशीन स्थापित करने में सक्षम होंगे और बचाव कार्य फिर से शुरू होगा।

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