उत्तराखंड प्रहरी, ब्यूरो
देहरादून। प्रदेश के 12 जिलों से पहुंचे त्रिस्तरीय पंचायतों के सदस्यों ने एक चुनाव एक पंचायत राज्य के नारे के साथ सोमवार से पंचायती राज निदेशालय पर एक सूत्री मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने तीनों पंचायतों का कार्यकाल 2 वर्ष बढ़ाए जाने की मांग उठाई।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के बैनर तले राज्य के कई जिलों से पहुंचे निवर्तमान वार्ड मेंबर्स, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्यों के साथ क्षेत्र प्रमुखों ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश कार्यक्रम संयोजक जगत मर्तोलिया ने कहा कि राज्य सरकार इस राज्य में पहले भी अधिसूचना लाकर पंचायत का कार्यकाल बड़ा चुकी है। इस बढ़े कार्यकाल में निर्वाचित प्रतिनिधियों को ही कार्य करने का अवसर दिया गया। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर सम्मल ने कहा कि राज्य सरकार अध्यादेश या अधिसूचना लाकर कार्यकाल बढ़ा सकती सकती है। हम सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे है।
उन्होंने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री “एक राष्ट्र एक चुनाव” की बात कर रहे है। ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार को एक राज्य एक पंचायत चुनाव की मांग को स्वीकार करते हुए संगठन को वार्ता के लिए बुलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत एकजुट होकर आंदोलन कर रही है। क्षेत्र प्रमुख संगठन के प्रदेश संरक्षक तथा भीमताल ब्लॉक के प्रमुख डॉक्टर हरीश बिष्ट ने कहा कि उत्तराखंड में तीनों पंचायतों के 70 सदस्य इस मांग पर अपनी मोहर लगा चुके है। उन्होंने कहा कि सरकार को आगे आकर इन पंचायतों को 2 वर्ष का कार्यकाल देना चाहिए। एक राज्य एक चुनाव लागू होने से राज्य सरकार को भी बार-बार अधिसूचना के झंझट से सहूलियत मिलेगी। यदि राज्य सरकार ने बातचीत के रास्ते को बंद कर दिया तो प्रदेश की राजधानी सहित प्रदेश के 7995 गांव में आंदोलन का असर दिखेगा। हरिद्वार जनपद के पंचायत साथियों से आंदोलन के लिए समर्थन मांगा गया है।
धरना-प्रदर्शन स्थल पर हुई सभा का संचालन ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव ललित सुयाल ने किया।
सभा को बागेश्वर के केदार महर, अल्मोडा के प्रमोद जोशी, उत्तरकाशी के अरविंद पंवार, पौड़ी के सत्य हर्षवाल, पिथौरागढ़ के श्याम सुंदर सौन, चमोली के पान सिंह नेगी, रुद्रप्रयाग के देवेंद्र भंडारी, चम्पावत के खीमानंद बिनवाल, नैनीताल से हेमा आर्या, देहरादून से सोवन सिंह, टिहरी के सुंदर सिंह, सुनीता नेगी, मीनू क्षेत्री, बृजमोहन बहुगुणा आदि ने विचार व्यक्त किया।
