हमारे संवाददाता
हरिद्वार। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने चंडी देवी मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की तथा जनपद, राज्य व देश के चहुंमुखी विकास, सुख–समृद्धि की कामना की। इसके पश्चात जिलाधिकारी ने चंडी देवी क्षेत्र में भूस्खलन संभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भूस्खलन संभावित क्षेत्र के स्थायी समाधान हेतु कार्य योजना बनाकर आपदा प्रबंधन कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए यदि शासन को डीपीआर भेजी गई है तो उसकी प्रतिलिपि जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। स्थायी प्रकृति के कार्य होने तक तात्कालिक समाधान के रूप में शॉर्ट टर्म कार्य समय से किए जाएं। जिलाधिकारी ने वन तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों से चंडी देवी मंदिर क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानकारी लेते हुए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
जिलाधिकारी ने श्यामपुर कांगड़ी पहुंचकर गंगा के जल स्तर बढ़ने पर श्यामपुर कांगड़ी स्थित प्रेम निवास के पास सीसी ब्लॉक का निरीक्षण किया जो अत्यधिक वर्षा होने पर जल के बहाव को डायवर्ट करने के काम में लाया जाता है, उन्होंने निरीक्षण के दौरान सिंचाई विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिए कि पानी को डायवर्ट करने के लिए किए जा रहे कार्यों में ताजी लाई जाए तथा कार्य योजना को इस प्रकार अंजाम दिया जाए कि जल स्तर बढ़ने पर भू कटाव की स्थिति उत्पन्न न हो।
इसके पश्चात जिलाधिकारी ने झिलमिल झील का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि इको पर्यटन की दृष्टि से झील विकास तथा सौंदर्यकरण किया जाए और क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य किए जाएं। उन्होंने मानव–वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि रेस्क्यू सेंटर की क्षमता बढ़ाई जाए और शहरी क्षेत्रों में बंदरों से निजात हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाए।
इस दौरान डीएफओ वैभव सिंह ने बताया कि इस समय रेस्क्यू सेंटर में क्षमता के अनुसार वन्य जीव (लेपर्ड) हैं और क्षमता बढ़ाने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। निरीक्षण के दौरान डीएफओ वैभव सिंह, संदीपा शर्मा, एसडीएम अजयवीर सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई मंजू डैनी, ब्रिज इंजिनियर एमके श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।