जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। कांग्रेस नेताओं का हरिद्वार विधानसभा सीट पर भाजपा को वॉकओवर डलता हुआ नजर आ रहा है। इसी के साथ एक पूर्व प्रत्याशी अपनी ही पार्टी के नेता को चुनाव हराने के लिए एक करोड़ रुपये खर्चने का दावा कर चुके हैं। कई उदाहरण ऐसे सामने आ रहे हैं, जिससे लगने लगा है कि कांग्रेस हरिद्वार की सीट को जीतना ही नहीं चाहते हैं, क्योंकि कई कांग्रेस नेताओं के भाजपा शासनकाल में सभी काम आसानी से होते रहते हैं। लेकिन हरिद्वार की जनता की एक बड़ी खासियत रही कि मौकापरस्त और चुनावी नेताओं को कभी बर्दास्त नहीं कर सकी है।
सत्ता संग्राम शुरू हो चुका है। सभी दावेदार अपनी—अपनी खूबियों के साथ मैदान में उतरे हुए हैं। हरिद्वार विधानसभा से चार बार के विधायक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से कांग्रेस प्रत्याशी का सामना होगा। सबसे बड़ी बात हरिद्वार विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच होगा। अन्य पार्टियों का जनाधार नहीं है, क्योंकि अन्य पार्टियों से किसी प्रत्याशी का नाम सामने तक नहीं आ रहा है। भाजपा से मदन कौशिक ही प्रत्याशी होंगे। कांग्रेस चुनाव के 15 दिन पहले तक भी अपने प्रत्याशी घोषित नहीं कर सके हैं। ऐसे में दावेदारी करने वाले नेता होर्डिंग लगाने के साथ जनसंपर्क करने में लगे हुए हैं।
अब बात करें कांग्रेस के पदाधिकारियों की तो एक बाहरी नेता को साथ में लेकर खड़े हैं। जिस व्यक्ति को हरिद्वार की जनता नहीं जानती, उसे मैदान में उतारने की तैयारी में लगे हुए हैं। चर्चा यह रहती है कि उक्त नेता धन संपन्न है और नेताओं की दावत आदि में मोटा पैसा खर्च करता है। उसके बैनर आदि भी खूब शहर में लगवाएं जा रहे हैं। लेकिन हरिद्वार की जनता चुनावी नेता को कतई पसंद नहीं करती। इसका उदाहरण बसपा की सुप्रीमो मायावती और रामविलास पासवान नेता देख चुके हैं। अब एक और बड़ी बात सामने आ रही है कि इस नेता का साथ हरिद्वार में प्रत्याशी रह चुके एक नेता दे रहे हैं, जोकि अपनी हार का बदला लेने के लिए अपनी पार्टी के प्रत्याशी को हराने के लिए एक करोड़ रूपये खर्चने का दावा कर चुके हैं। ऐसे में कई अन्य बातें भी सामने आ रही है कि जब भाजपा शासनकाल में कांग्रेस नेताओं के काम अच्छे से हो रहे हैं तो वह कियों अपनी पार्टी के लिए काम करें।