सुमित तिवारी, उत्तराखंड प्रहरी, ब्यूरो
देहरादून। समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ सत्यनारायण सचान ने उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के डीआईजी की ओर से होटलों, ढाबों या ठेलों के संचालकों एवं काम करने वालों के नाम लिखने के आदेश पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि इस प्रकार से धर्म और जाति के नाम पर बांटने का काम किया जा रहा हैं, जो कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
डॉ सत्यनारायण सचान का कहना है कि देश में किसी भी व्यक्ति ने होटल पर ढाबों के साथ ठेलों पर काम करने वालों की जाति या धर्म नहीं पूछा है। सभी एक दूसरे धर्म का सम्मान करते हैं। लेकिन कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश साथ उत्तराखंड में भी एक तुगलकी फरमान जारी हुआ है कि जिसमें होटल, धाबों या ठेले पर काम करने वाले को अपना नाम लिखना होगा। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक धर्म समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इस फरमान से शिवभक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने में दिक्कतें सामने आएगी। सरकार को सौहार्द हित में यह आदेश वापस लेना चाहिए। यदि किसी विशेष धर्म संप्रदाय के साथ कोई अप्रिय घटना हो जाती है तो सरकार जिम्मेदार होगी। सभी का प्रयास है कि कांवड़ यात्रा सौहार्द के साथ निपटे। उन्होंने कहा कि शांति व्यवस्थाओं के बीच चलने वाली यात्रा को बिगाड़कर कुछ लोग राजनीत करना चाहते हैं, जोकि बर्दास्त नहीं की जाएगी।