उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो, 27 अप्रैल 2023
PCS EXAM की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है
देहरादून- उत्तराखंड में इस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं अभ्यर्थियों के लिए बहुत बड़ी राहत भरी खबर है परीक्षा के सिलेबस में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है अभ्यर्थियों ने भी राहत भरी सांस ली है।
उत्तराखंड में इस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए बहुत बड़ी राहत भरी खबर है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्तराखंड में आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षा के सिलेबस में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है ऐसे में अब अभ्यर्थियों ने भी राहत भरी सांस ली है।
PCS EXAM की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग ( यूपीएससी) की तर्ज पर सिलेबस बदलने से इनकार कर दिया है अब उत्तराखंड सम्मिलित राज्य (सिविल) प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा पुराने पैटर्न पर ही होगी बुधवार को अपर सचिव कार्मिक ललित मोहन रयाल ने आदेश किए हैं।
लोक सेवा आयोग ने फरवरी में राज्य सरकार को पीसीएस परीक्षा का पैटर्न यूपीएससी की तर्ज पर करने का प्रस्ताव भेजा था आयोग के अध्यक्ष राकेश कुमार का तर्क था कि इससे उत्तराखंड के अभ्यर्थियों के अखिल भारतीय सेवा में जाने के अवसर बढ़ेंगे और उन्हें दो-दो परीक्षाओं के लिए अलग अलग तैयारी भी नहीं करनी होगी।
इस प्रस्ताव पर मार्च में कार्मिक विभाग ने सैद्धांतिक सहमति भी जताई थी लेकिन अभ्यर्थी विरोध में उतर आए थे अभ्यर्थियों का कहना था कि सिलेबस में बदलाव करने से उत्तराखंड के युवाओं का अहित होगा। भाजपा नेता रविंद्र जुगरान भी लगातार इसके विरोध में पैरवी कर रहे थे।
उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मिलकर इस पर आपत्ति जताई थी सूत्रों ने बताया कि जब यह फाइल मुख्यमंत्री धामी के पास पहुंची तो उन्होंने पीसीएस परीक्षा का पैटर्न बदलने से साफ इंकार कर दिया इसके बाद कार्मिक विभाग को यह आदेश जारी करना पड़ा।
भाजपा नेता जुगरान का कहना है कि यूपीएससी पैटर्न लागू होने से उत्तराखंड के अभ्यर्थियों के चयन की संभावना पहले से भी और कम हो जाती उन्होंने कहा कि अधिकांश राज्यों ने भी पूर्व में ही यूपीएससी पेटर्न को खारिज कर दिया था उन्होंने मुख्यमंत्री के इस मामले में हस्तक्षेप करने पर आभार जताया।
यह होना था पैटर्न में बदलाव
यूपीएससी परीक्षा में एक विषय वैकल्पिक होता है इसके साथ ही 2 विषय अंग्रेजी व क्षेत्रीय भाषा के अनिवार्य होते हैं जिनमें अभ्यर्थियों को पासिंग मार्क्स लाना जरूरी है इससे स्थानीय मुद्दों से जुड़े मसलों पर सिलेबस का कोटा भी निर्धारित करने का भी प्रावधान किया गया था ।पीसीएस परीक्षा में कोई वैकल्पिक विषय नहीं होता वही अंग्रेजी के बजाय हिंदी का पेपर होता है जिसमें अभ्यर्थियों के मार्क्स मेरिट में जुड़ते हैं वहीं मौजूदा समय में स्थानीय मुद्दों से जुड़े सवाल कितने फ़ीसदी होंगे इस कोटे का भी निर्धारण नहीं है।