हमारे संवाददाता
देहरादून। उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को शुक्रवार को पत्र लिखकर दो वर्ष कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग को लेकर किए गए परीक्षण की रिपोर्ट 11 सितंबर तक बैठक आयोजित कर पटल पर में रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट पर बातचीत करने के लिए विभागीय मंत्री सहित शासन के सभी अधिकारियों को बुलाया जाए। अभी तक कार्यकाल बढ़ाए जाने को लेकर जो विरोधाभास की स्थिति बन रही है वह भी स्पष्ट हो।
संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मर्तोलिया की ओर से आज प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजा गया। पत्र उनके कार्यालय में रिसीव कर लिया गया है। इस पत्र की प्रति सचिव पंचायती राज तथा निदेशक पंचायती राज के कार्यालय में भी रिसीव कर लिया गया है। संयोजक ने बताया कि 31 जुलाई को हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने एक माह का समय परीक्षण के लिए मांगा था, जो अब समाप्त हो गया है। 4 सितंबर तक संगठन की संवाद यात्रा राज्य के 13 जनपदों में इस मुद्दे को लेकर अपने सदस्यों का मन टटोलने तथा संगठन को मजबूत बनाने के लिए गई थी। हालांकि संगठन ने कहा कि वह इस यात्रा से बेहद उत्साहित है। लिखे पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है कि 11 सितंबर से पूर्व होने वाली बैठक में विभागीय मंत्री सतपाल जी महाराज, सचिव पंचायती राज, अपर सचिव, निदेशक पंचायती राज के साथ महाधिवक्ता उत्तराखंड और अपर सचिव न्याय को इस बैठक में अवश्य बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षण की रिपोर्ट पटल में आने के बाद ही संगठन अपनी प्रतिक्रिया देगा। मीडिया में जिस तरह की खबरें आ रही है यह सरकार की कमजोरी है, कि रिपोर्ट मुख्यमंत्री तक पहुंचने से पहले ही लीक हो गई या नहीं। यह तो सरकार ही बतायेगी। उन्होंने कहा कि परीक्षण की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद संगठन इस बैठक में अपने सुझाव भी रखेगी। संगठन पहले ही अपने दस्तावेज दे चुकी है। उन्होंने दोहराया कि यह मांग संवैधानिक तथा न्यायोचित है। इसके संपूर्ण प्रमाण उक्त मुलाकात में सरकार को सौंप गए थे। उन्होंने कहा कि सरकार को 11 सितंबर तक बैठक बुलाकर परीक्षण रिपोर्ट को पटल में रखना चाहिए। अगर सरकार देरी करेगी तो संगठन को उत्तराखंड में 70 हजार त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्यों को देहरादून लाकर ऐसा आंदोलन करेगी, जिसकी सरकार को कल्पना तक नहीं है।