आईआईटी रुड़की ने अपशिष्ट-से-हाइड्रोजन ऊर्जा तकनीक सफलतापूर्वक उद्योग को हस्तांतरित की


हरिद्वार। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने जैविक द्रव अपशिष्ट को उत्प्रेरक अधितापीय गैसीकरण प्रक्रिया द्वारा हाइड्रोजन-समृद्ध गैस में बदलने वाली अत्याधुनिक तकनीक इनफिनेट इंटिग्रेटिड एनर्जी टेक्नोलोजीज़ एलएलपी को सफलतापूर्वक हस्तांतरित की। प्रोफेसर नरपूरेड्डी शिवा मोहन रेड्डी द्वारा विकसित यह तकनीक बड़े पैमाने और व्यावसायिक उपयोग के लिए उपयुक्त है। यह नवाचार अपशिष्ट प्रबंधन, हाइड्रोजन उत्पादन और कार्बन-पदचिह्न में कमी के लिए टिकाऊ समाधान प्रस्तुत करता है। इससे उद्योग जैविक अपशिष्ट को मूल्यवान हाइड्रोजन ईंधन में बदल सकते हैं। आईआईटी रुड़की और उद्योग के साझेदार इस नवाचार को प्रयोगशाला से व्यावसायिक स्तर तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह परियोजना स्वच्छ ऊर्जा, नवनीकरणीय अर्थव्यवस्था और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

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