उत्तराखंड के 91 सीमांत गांवों का चयन, भटवाड़ी ब्लॉक के 10 गांव शामिल

उत्तरकाशी। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने वाइब्रेंट विलेज योजना (वीवीपी) की प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त करते हुए इसके प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीमांत गांवों का सशक्त विकास, आजीविका सृजन और आबादी रोकना सरकार की प्राथमिकता है।
केन्द्र की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत उत्तराखंड के भारत-चीन और भारत-नेपाल सीमा से लगे कुल 91 गांवों का चयन किया गया है। इन गांवों को मॉडल विलेज के रूप में विकसित कर वहां के नागरिकों को बेहतर सुविधाएं, रोजगार और आधुनिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा। वीवीपी-1 के तहत भारत-चीन सीमा क्षेत्र के 51 गांव शामिल किए गए हैं, जिनमें उत्तरकाशी (भटवाड़ी ब्लॉक) के 10, चमोली के 14 तथा पिथौरागढ़ के 27 गांव शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्तावों में से 110 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि प्राप्त हो चुकी है। वीवीपी-2 के तहत भारत-नेपाल सीमा से जुड़े 40 गांव चयनित हैं, जिनमें चम्पावत के 11, पिथौरागढ़ के 24 और ऊधमसिंहनगर के 6 गांव शामिल हैं। पिथौरागढ़ में पीएमजीएसवाई के तहत 5 सड़कों के लिए 119.44 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिससे सीमा क्षेत्रों में संपर्क और व्यापार को मजबूती मिलेगी। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सीमांत गांवों को प्राथमिकता देना प्रेरणादायक है। योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यटन, कृषि-बागवानी और आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिलेगी तथा पलायन पर नियंत्रण और राष्ट्रीय सुरक्षा भी सुदृढ़ होगी।

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