उत्तराखंड में भालू हुए अधिक हिंसक, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट करेंगे कारणों का अध्ययन

उत्तरकाशी। उत्तराखंड में भालू इन दिनों लगातार अधिक आक्रामक होते जा रहे हैं और कई लोगों पर हमले की घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार अब भालू वर्षभर आवाजाही करते दिख रहे हैं, जबकि सामान्यतः सर्दियों में वे शीतनिद्रा में चले जाते थे। शीतकाल में भी हमलों की बढ़ती घटनाएँ चिंताजनक हैं।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हिमालयी काला भालू आमतौर पर लंबी शीतनिद्रा लेकर अपनी ऊर्जा बचाता है, इस कारण सर्दियों में लोगों को उनसे खतरा कम रहता था। लेकिन अब भालू शीतनिद्रा पर नहीं जा रहे, जिससे उनकी गतिविधियाँ और आक्रामकता दोनों बढ़ी हैं। वनाधिकारी उत्तरकाशी डी.पी. बलूनी ने बताया कि इस बदलते व्यवहार को समझने के लिए वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञों को अध्ययन हेतु पत्र भेजा गया है। पहले भालू गर्मियों में फसल पकने के समय खेतों के आसपास दिखाई देते थे, लेकिन अब उनकी गतिविधियाँ पूरे वर्ष देखी जा रही हैं। उनके अनुसार मौसम में हो रहे बदलाव (क्लाइमेट चेंज) के कारण भालुओं का प्राकृतिक जीवनचक्र प्रभावित हो सकता है। बर्फबारी में सुरक्षित गुफाओं की तलाश कर बच्चों को जन्म देने तथा शीतनिद्रा में जाने की उनकी प्राकृतिक प्रवृत्ति अब बदल रही है, जिससे वे अधिक हाइपर और हमलावर होते जा रहे हैं। वन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील के साथ ही भालुओं के बदलते व्यवहार पर विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन की तैयारी शुरू कर दी है।
