मात्र 200 रुपये के लिए बेलदार ने मिस्त्री को मार डाला, कोतवाली पुलिस ने खोज निकाला आरोपी, भेजा जेल

उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो,
हरिद्वार। राजमिस्त्री और बेलदार के बीच 500 रुपये के बटवारे को लेकर हुए विवाद में मिस्त्री की जान बेलदार ने ले ली। मामला के आरोपी को नगर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
नारद पुत्र रामपाल निवासी ग्राम भारतापुर पो0 पुवायाँ थाना पुवायाँ जिला शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश ने कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया कि उसके भाई रामनिवास पुत्र रामपाल हाल निवासी शान्तिकुंज के पास भूपतवाला हरिद्वार उम्र 35 वर्ष जो सप्तऋषि में स्थित अजरानन्द ब्लाईण्ड स्कूल में काम करता था। 14 अक्तूबर को उन्हें सूचना मिली कि मेरे पिता रवि पुत्र नरेन्द्र भागीरथी नगर के निर्माणाधीन मकान के अन्दर मृत्यु हो गयी हैं। शक के अनुसार उसकी हत्या की गई है। सूचना पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया। प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए एसएसपी के निर्देश पर नगर कोतवाली निरीक्षक रितेश शाह के नेतृत्व में आरोपी की तलाश की सम्भावित स्थानों में करीब 250-300 सीसीटीवी कैमरो को खंगाला गया। पुलिस टीम ने आरोपी सतेन्द्र पुत्र सोहनवीर निवासी ग्राम खटकी थाना परिक्षितगढ जिला मेरठ उ0प्र0 हाल पता हरिहर चौक के पास सप्तऋषि हरिद्वार उम्र 61 वर्ष को ठोकर नं0-10 चित्रकूट घाट के पास में बन्धा रोड हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मृतक रामनिवास रवि पुत्र नरेन्द्र भागीरथी नगर के निर्माणाधीन मकान में काम कर रहे थे। मृतक रामनिवास राजमिस्त्री का काम करता था, और मैं मजदूरी का काम करता था। इसी दौरान हमारी जान पहचान हुयी थी। हम दोनों छुट्टी के तुरन्त बाद रोज मिल-बैठकर रायवाला शराब पीने जाते थे। 14 अक्तूबर को भी हम रोज की भाँति काम से निपटने के बाद दारु पीने रायवाला गए थे। उस दिन हमारे ठेकेदार ने ईनाम के रुप में 500 रुपये दिये थे, जिसमें 300 रुपये मृतक रामनिवास व 200 रुपये मेरे हिस्से के थे। जब हम रायवाला से दारु पीकर वापस निर्माणाधीन मकान जहां हम काम करते थे वही आ गये इसी बीच उन्हीं 500 रुपये के बँटवारे को लेकर हम दौनो में बहस हो गयी। जिसमें मृतक रामनिवास नशे शराब में मुझे माँ-बहिन की गाली देने लगा व मेरे साथ हाथापाई कर मेरा गला दबाने लगा। जब मैं छटपटाया तो रामनिवास एकदम निचे गिरा और उसने जल्दबाजी में अपने को बचाने के चक्कर में मृतक रामनिवास गला पकडकर पूरी जोर से दबा दिया। जिससे वह मौके पर ही मर गया। आरोपी सतेन्द्र पुत्र सोहनवीर को जेल भेज दिया गया।
नारद पुत्र रामपाल निवासी ग्राम भारतापुर पो0 पुवायाँ थाना पुवायाँ जिला शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश ने कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया कि उसके भाई रामनिवास पुत्र रामपाल हाल निवासी शान्तिकुंज के पास भूपतवाला हरिद्वार उम्र 35 वर्ष जो सप्तऋषि में स्थित अजरानन्द ब्लाईण्ड स्कूल में काम करता था। 14 अक्तूबर को उन्हें सूचना मिली कि मेरे पिता रवि पुत्र नरेन्द्र भागीरथी नगर के निर्माणाधीन मकान के अन्दर मृत्यु हो गयी हैं। शक के अनुसार उसकी हत्या की गई है। सूचना पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया। प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए एसएसपी के निर्देश पर नगर कोतवाली निरीक्षक रितेश शाह के नेतृत्व में आरोपी की तलाश की सम्भावित स्थानों में करीब 250-300 सीसीटीवी कैमरो को खंगाला गया। पुलिस टीम ने आरोपी सतेन्द्र पुत्र सोहनवीर निवासी ग्राम खटकी थाना परिक्षितगढ जिला मेरठ उ0प्र0 हाल पता हरिहर चौक के पास सप्तऋषि हरिद्वार उम्र 61 वर्ष को ठोकर नं0-10 चित्रकूट घाट के पास में बन्धा रोड हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मृतक रामनिवास रवि पुत्र नरेन्द्र भागीरथी नगर के निर्माणाधीन मकान में काम कर रहे थे। मृतक रामनिवास राजमिस्त्री का काम करता था, और मैं मजदूरी का काम करता था। इसी दौरान हमारी जान पहचान हुयी थी। हम दोनों छुट्टी के तुरन्त बाद रोज मिल-बैठकर रायवाला शराब पीने जाते थे। 14 अक्तूबर को भी हम रोज की भाँति काम से निपटने के बाद दारु पीने रायवाला गए थे। उस दिन हमारे ठेकेदार ने ईनाम के रुप में 500 रुपये दिये थे, जिसमें 300 रुपये मृतक रामनिवास व 200 रुपये मेरे हिस्से के थे। जब हम रायवाला से दारु पीकर वापस निर्माणाधीन मकान जहां हम काम करते थे वही आ गये इसी बीच उन्हीं 500 रुपये के बँटवारे को लेकर हम दौनो में बहस हो गयी। जिसमें मृतक रामनिवास नशे शराब में मुझे माँ-बहिन की गाली देने लगा व मेरे साथ हाथापाई कर मेरा गला दबाने लगा। जब मैं छटपटाया तो रामनिवास एकदम निचे गिरा और उसने जल्दबाजी में अपने को बचाने के चक्कर में मृतक रामनिवास गला पकडकर पूरी जोर से दबा दिया। जिससे वह मौके पर ही मर गया। आरोपी सतेन्द्र पुत्र सोहनवीर को जेल भेज दिया गया।
पुलिस टीम में इनका रहा सहयोग
नगर कोतवाली प्रभारी रितेश शाह, एसएसआई नन्दकिशोर ग्वाडी, एसआई अंशुल अग्रवाल, हेड कांस्टेबल गुलशन नेगी, सुशील कोठियाल का सहयोग रहा।
