मुख्यमंत्री ने किया प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का शुभारंभ

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दून विश्वविद्यालय में राज्य स्थापना के रजत रजत जयंती समारोह के अंतर्गत आयोजित “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन” का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आई आपदाओं में जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप एक मिनट का मौन भी रखा गया।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी देवभूमि की संस्कृति, परंपराओं और मातृभूमि के गौरव को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहे हैं। प्रवासी उत्तराखंडी देवभूमि के सच्चे ब्रांड एम्बेसडर हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विशिष्ट लोक संस्कृति, भाषा और बोली में झलकने वाली आत्मीयता हमें विश्वभर में जोड़ती है। उन्होंने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी जहां भी रहते हैं, अपने साथ देवभूमि की संस्कृति और अपनी मिट्टी की सुगंध लेकर चलते हैं। राज्य सरकार ने प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन इसी उद्देश्य से किया है ताकि उनके सुझाव और अनुभव राज्य के विकास की मुख्यधारा में शामिल किए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अनेक प्रवासी स्वयं अपने गांवों को गोद लेकर विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड सरकार “विकसित भारत, विकसित उत्तराखंड” के लक्ष्य की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है।

हमें अपनी ताकत को पहचानना होगा: कोश्यारी

पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि हमारी देवभूमि का रहस्य और विरासत ईमानदारी तथा परिश्रम में निहित है। इसके कारण उत्तराखंड का व्यक्ति देश-विदेश में अपनी प्रतिभा, कर्मठता और ईमानदारी से कार्य करता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी ताकत को पहचानना होगा। आज अनेक मानकों में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हमारे सभी प्रवासी अपनी जड़ों से हमेशा जुड़े रहेंगे और राज्य के विकास में निरंतर योगदान देंगे।

 

दक्ष क्षेत्रों में अवश्य दें योगदान: चमोली

विधायक विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखंड की अनेक हस्तियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में अपने कार्यों के बल पर विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने सभी प्रवासी उत्तराखंडियों से अपील की कि वे जिन भी क्षेत्रों में दक्ष हैं, राज्य के विकास में उस क्षेत्र में अवश्य योगदान करें। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को राज्य के विकास में जो भी सहयोग देना है, उसमें राज्य सरकार पूरा समर्थन देगी।

मुख्यमंत्री का व्यक्त किया आभार

दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष और प्रवासी उत्तराखंडी मोहन सिंह बिष्ट ने इस सम्मेलन के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड हमारी आत्मा और संस्कृति की धरोहर है। उत्तराखंड की मिट्टी की खुशबू, बोली की मिठास और लोकनृत्यों की ध्वनि हमारे हृदय में सदा गूंजती रहती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड निरंतर प्रगति की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

पैतृक गांव को लिया गोद: हिमानी

प्रवासी उत्तराखंडी और फिल्म अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने बताया कि उन्होंने रुद्रप्रयाग जनपद में अपने पैतृक गांव को गोद लिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सांस्कृतिक और लोककला की दृष्टि से समृद्ध राज्य है, इसलिए हमें अपनी परंपराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में निरंतर कार्य करना होगा।

मिट्टी की महक, संस्कृति व आत्मा का अपनत्व है उत्सव

प्रवासी उत्तराखंडी और राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का यह दिन हमारी मिट्टी की महक, संस्कृति की आत्मा और अपनत्व का उत्सव है। उन्होंने कहा कि पहाड़ की ठंडी हवा में माँ की ममता बसती है। उत्तराखंड हमारी आस्था, परिश्रम और संस्कारों की भूमि है। उन्होंने कहा कि आज हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपनी संस्कृति से जुड़े रहेंगे और उत्तराखंड को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अपना पूरा योगदान देंगे।


सशक्त और समृद्ध है उत्तराखंड

उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि आज राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, जैविक कृषि, औद्योगिक विकास और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। सशक्त और समृद्ध उत्तराखंड के संकल्प के साथ शासन, प्रशासन एवं जनभागीदारी से राज्य आगे बढ़ रहा है।

ये रहे मौजूद

इस अवसर पर विधायक किशोर उपाध्याय, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, सचिवगण और देशभर से आए प्रवासी उपस्थित थे।

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