25 वर्षों में सुधरी राज्य की सेहत, सुलभ हुई स्वास्थ्य सुविधाएं: डा. धन सिंह

उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो / प्रदीप कुमार,
देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड राज्य के गठन के 25 वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र ने उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य सरकार ने सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया है। आज प्रदेश में 13 जिला चिकित्सालय, 21 उप जिला चिकित्सालय, 80 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 525 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 1998 उपकेंद्र संचालित हैं। इन इकाइयों में आधुनिक उपकरण जैसे सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे व एमआरआई मशीनें स्थापित की गई हैं। दुर्गम क्षेत्रों में चिकित्सकों की तैनाती, 1399 नर्सिंग अधिकारियों की भर्ती और विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष कर दी गई है।
प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा आम लोगों के लिए जीवनरक्षक सिद्ध हुई है, जिसके 272 एम्बुलेंसों ने 8.79 लाख से अधिक लाभार्थियों को राहत दी है। लोक-निजी सहभागिता के तहत डायलिसिस, कार्डियक केयर व टीबी परीक्षण सुविधाएं सुलभ कराई जा रही हैं। 13 जिलों में 19 डायलिसिस केंद्रों के माध्यम से अब तक हजारों मरीजों को उपचार मिला है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की संख्या 335 हो चुकी है, जो सस्ती दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
टीबी उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेश की 2182 पंचायतें टीबी मुक्त घोषित हो चुकी हैं। चारधाम यात्रा मार्गों पर भी स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया गया है। राज्य सरकार का संकल्प है कि हर नागरिक को स्थानीय स्तर पर बेहतर और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आगामी वर्षों में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं और सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं के विस्तार पर विशेष बल दिया जाएगा।
प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा आम लोगों के लिए जीवनरक्षक सिद्ध हुई है, जिसके 272 एम्बुलेंसों ने 8.79 लाख से अधिक लाभार्थियों को राहत दी है। लोक-निजी सहभागिता के तहत डायलिसिस, कार्डियक केयर व टीबी परीक्षण सुविधाएं सुलभ कराई जा रही हैं। 13 जिलों में 19 डायलिसिस केंद्रों के माध्यम से अब तक हजारों मरीजों को उपचार मिला है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की संख्या 335 हो चुकी है, जो सस्ती दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।
टीबी उन्मूलन अभियान के तहत प्रदेश की 2182 पंचायतें टीबी मुक्त घोषित हो चुकी हैं। चारधाम यात्रा मार्गों पर भी स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया गया है। राज्य सरकार का संकल्प है कि हर नागरिक को स्थानीय स्तर पर बेहतर और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि आगामी वर्षों में डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं और सुपर स्पेशियलिटी सुविधाओं के विस्तार पर विशेष बल दिया जाएगा।
