– तेज बहाव से घाट की स्लैब क्षतिग्रस्त, यूपी सिंचाई विभाग के छोड़े पानी से बढ़ी दिक्कत
– नवंबर के पहले सप्ताह तक काम पूरा करने का लक्ष्य
– गुणवत्ता से नहीं होगा समझौता, नवंबर तक पूरा होगा काम: ओमजी गुप्ता
उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो,
हरिद्वार। अर्धकुंभ मेला 2027 की तैयारियों ने अब रफ्तार पकड़ ली है। उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने अपर गंग नहर की बाईं पटरी पर घाटों के निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है। विभाग की कोशिश है कि आगामी कुंभ से पहले श्रद्धालुओं के स्नान के लिए सभी घाटों का निर्माण समय से पूरा हो जाए, ताकि मेला क्षेत्र में सुगमता बनी रहे। अधिशासी अभियंता ओमजी गुप्ता के अनुसार, करीब 2.160 किलोमीटर लंबाई में घाटों का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण कार्य की शुरुआत 3 अक्टूबर से की गई थी, जिसे 2 नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि यह निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के नियंत्रणाधीन नहर पर किया जा रहा है, जिससे शुरुआती दिनों में कुछ दिक्कतें आईं। दरअसल, 2 और 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की ओर से निर्माण कार्य में व्यवधान उत्पन्न हुआ था। इस कारण कार्य अस्थायी रूप से रोकना पड़ा, लेकिन कुंभ मेला की तैयारियों की महत्ता को देखते हुए उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने 4 अक्टूबर से काम दोबारा शुरू करा दिया। विभाग के अनुसार, 6 और 7 अक्टूबर को हुई भारी वर्षा ने निर्माण गति को फिर प्रभावित किया, लेकिन 8 से 19 अक्टूबर तक विभाग ने लगातार और तेज रफ्तार से कार्य किया।
इस दौरान घाटों के निर्माण में कंक्रीट का अधिकांश कार्य पूरा किया गया और नहर के ऊंचे जलस्तर से ऊपर तक काम संपन्न हुआ। अधिशासी अभियंता ओमजी गुप्ता ने बताया कि 19 अक्टूबर की दोपहर घाट की स्लैब पर कंक्रीट डाली गई थी। लेकिन पर्याप्त सेटिंग समय न मिलने और उसी शाम उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा ऊपरी गंग नहर में अधिक पानी छोड़े जाने से नहर का जलस्तर अचानक बढ़ गया। तेज बहाव के कारण घाट की स्लैब का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में नहर का जलस्तर सामान्य होने का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही स्तर नीचे आएगा, क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़कर नए सिरे से निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इस संबंध में ठेकेदार को निर्देश दे दिए गए हैं कि गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि घाटों का यह निर्माण कार्य आगामी कुंभ मेले के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्नान पर्वों पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा तटों पर उमड़ती है, ऐसे में मजबूत और सुरक्षित घाटों का निर्माण कराना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि घाट निर्माण में उच्च गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है और कार्य की नियमित निगरानी की जा रही है। नहर किनारे की मिट्टी और जलस्तर की स्थिति को ध्यान में रखते हुए घाटों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वे जल के दबाव और बहाव को झेल सकें।अधिशासी अभियंता ने यह भी बताया कि नहर के आसपास सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य भी शीघ्र शुरू किया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं को स्नान और दर्शन के दौरान स्वच्छ वातावरण मिल सकेगा। विभाग का दावा है कि मौसम और तकनीकी परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो नवंबर के पहले सप्ताह तक घाटों का अधिकांश निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद अंतिम फिनिशिंग और सुरक्षा बैरियर लगाने का कार्य शुरू किया जाएगा।

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