नेपाल रवाना हुई गंगा जल कलशयात्रा

हरिद्वार। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में सोमवार को भगवान श्री गुरु कार्तिकेय जी का जन्मोत्सव ’गुरु छठ महापर्व’ बड़े हर्ष और आस्था के वातावरण में मनाया गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज के सानिध्य में आयोजित इस दिव्य आयोजन में सैकड़ों संत-महात्माओं, भक्तों और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्री कार्तिकेय जी की मूर्ति के ’पंचामृत स्नान’ और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना से हुआ। दिव्य आरती व भजन-कीर्तन से संपूर्ण परिसर आध्यात्मिक भाव से ओतप्रोत हो उठा। इस अवसर पर संत समाज ने गुरु परंपरा और सनातन संस्कृति के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि भगवान श्री कार्तिकेय ज्ञान, शक्ति और संयम के प्रतीक हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे धर्म और राष्ट्र सेवा के पथ पर अग्रसर हों। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि गुरु छठ केवल उत्सव नहीं, बल्कि संत परंपरा का जीवंत स्वरूप है। निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि कार्तिकेय जी का जीवन संदेश देता है कि ज्ञान और तप से ही जीवन का उद्देश्य प्राप्त होता है।
इस अवसर पर नेपाल के पशुपति नाथ मंदिर के लिए पवित्र गंगाजल कलशयात्रा को भी विधिवत रवाना किया गया। आयोजन में श्रीमहंत रामरतन गिरि, श्रीमहंत दिनेश गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, मेयर किरण जैसल सहित अनेक संत व सम्मानित अतिथि उपस्थित रहे।
