हमारे संवाददाता
हरिद्वार। जीवन विद्या के आलोक केन्द्र देवसंस्कृति विश्वविद्यालय और इंडोनेशिया स्थित इंस्टिट्यूट अगामा हिंदू नेगेरी गैजे पुद्जा मातरम् के बीच अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं रेक्टर प्रो. डॉ. मुर्बाविदाउरा ने हस्ताक्षर किया।
इस अनुबंध का उद्देश्य शैक्षणिक, शोध, सामूदायिक सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। इसके माध्यम से दोनों संस्थान एक साथ मिलकर शिक्षकों, छात्रों और शोधार्थियों के आदान-प्रदान को सुगम करेंगे और समाज व राष्ट्र के विकास मे अपना योगदान देंगे। इसके साथ ही इस अनुबंध के तहत संयुक्त शोध कार्य, संयुक्त लेख, पुस्तक प्रकाशन और लेखन, विजिटिंग प्रोफेसरों का आदान-प्रदान और छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना, सेमीनार, संगोष्ठी, शैक्षिक कार्यक्रम आदि किया जाना है।
इंडोनेशिया से आये प्रो. डॉ. इरआई वायन विराता एमा, आईएएचएन गेड पुडजा मातारम् के रेक्टर प्रो. डॉ. मुर्बाविदाउरा और डॉ. अगुस इंद्र उदयाना (इंडोनेशिया) तथा देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या जी के गरिमामयी उपस्थिति में अनुबंध पर हस्ताक्षर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
उन्होंने बताया कि इस समझौते के साथ देव संस्कृति विश्वविद्यालय और इंस्टिट्यूट अगामा हिंदू नेगेरी गदे पुद्जा मातरम् के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक सहयोग की एक नई शुरुआत हुई है, जो दोनों देशों के शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई ऊंचाइयाँ प्राप्त करेगा।

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