हमारे संवाददाता दिनांक 16 जनवरी 2023

 

हरिद्वार में हो रहे गंगा सभा चुनाव में तीर्थपुरोहित के उस बयान ने हलचल मचा दी है जिसमें वह गंगा सभा के अध्यक्ष और महामंत्री पर भ्रष्टाचार सम्बन्धित गंभीर आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे है। उनके इस बयान ने गंगा सभा के सभी तीर्थ पुरोहितों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। कि सही कौन है और गलत कौन ?

 

क्या गंगा सभा में रिश्वत का ऐसा खेल भी चलता है ? जिस प्रबंध कार्यकरिणी को एक पूरे समाज के लगभग 700 से अधिक परिवार मिलकर चुनते है क्या वह लोग समाज का सम्मान रख पाते है ? गंगा सभा की प्रबंध कार्यकरिणी का क्या दायित्व होता है ? ऐसे सैंकड़ों सवाल इस वीडियो को देखने के बाद आपके जहन में उमड़ना शुरू कर देंगे।

 

आपको बता दें कि इन दिनों हरिद्वार हर की पौड़ी की प्रबंध कार्यकरिणी संस्था श्री गंगा सभा का चुनाव चरम पर है। जिसके चुनाव 18 जनवरी को होने है। जिसमें मुकाबला त्रिकोणीय है।

गजब तो तब हो गया कि एक गुट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में एक वरिष्ठ तीर्थपुरोहित ने मंच से यह कह डाला कि वर्तमान में गंगा सभा के जो अध्यक्ष और महामंत्री है वह भ्रष्टाचार में इतने लिप्त है कि वह अपने एक कर्मचारी से 50,000 रुपए रोज लेते है यदि देखा जाए तो लगभग 15 लाख रूपए महीना।

तीर्थ पुरोहित यहीं नहीं रुके उन्होने तो इस बात का प्रमाण सिद्ध करने के लिए हर की पौड़ी के ब्रह्मकुंड में खड़े होकर भी इसकी पुष्टि करने का संकल्प तक ले लिया।

वायरल वीडियो में वह यह कहते भी दिखाई दे रहे है कि वर्तमान अध्यक्ष और महामंत्री भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे हुए है और अपने मद में इतने चूर है कि उन्होने तीर्थ पुरोहितों के मान सम्मान को भी तार तार कर दिया है। जिसके लिए सभी तीर्थ पुरोहितों को जागरूक एवम् एक होने की जरूरत है।

ज्वालापुर में अयोजित बैठक में सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित समाज के लोग भी उनकी बात का समर्थन करते हुए सुनाई दे रहे है।

आप विडियो को ध्यान से देखिए कि वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित क्या कह रहें है।

 

 

 

 

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