हरिद्वार। उत्तराखंड के भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने घुटने टेक दिए है। भाजपा के सामने ऐसी परिस्थितियां पैदी हो गई है कि प्रत्याशी तक घोषित करने लायक नहीं छोड़े हैं। हरिद्वार के कांग्रेस के पांच, बसपा के दो विधायक के साथ—साथ भारी भरकम नेता होने के बावजूद भाजपा के प्रत्याशियों के सामने तक टिक नहीं पाएं। बसपा के पदाधिकारी और विधायक एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए ही रह गए, जबकि कांग्रेस के नेता सत्ता पर दुरुपयोग का आरोप लगाते रहे। अब भाजपा ने अपने पक्ष में ऐसा माहौल तैयार कर लिया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के तीनों पदों पर निर्विरोध प्रत्याशी चुने जाएंगे। चुनाव की स्थिति 10 अक्तूबर को नामांकन होते—होते ही साफ हो जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी जिला पंचायत चुनाव में 14 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। ब्लॉकों में बीडीसी की संख्या आधे से कम आई। लेकिन जैसे ही मतगणना पूरी हुई तो दूसरे दलों के साथ निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य भाजपा ज्वाइन करने के लिए आ गए। देखते ही देखते 44 सदस्यों में से 33 सदस्यों ने भाजपा की राज्य सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विकास की नीतियों को देखते हुए प्रदेश और जिला कार्यालय में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के नेतृत्व में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। शेष बचे 11 में से भी 7 ने भाजपा के बोर्ड को समर्थन दे दिया, जिसमें बसपा और कांग्रेस के साथ निर्दलीय सदस्य भी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए ग्रामीण विकास में भागीदारी की उम्मीद जताई।
ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में भी यही स्थिति सामने आयी हैं, विपक्षी दलों के साथ जो बीडीसी थे, वे भी अब भाजपा के समर्थित प्रत्याशियों के पक्ष में आ गए हैं। भगवानपुर ब्लॉक पर स्थिति भी साफ हो गई हैं, विधायक ममता राकेश की पुत्री ने भी भाजपा प्रत्याशी को समर्थन दे दिया है। ऐसे में संभावना हो गई है कि सभी ब्लॉक प्रमुख भी निर्विरोध ही चुने जाएंगे।
अब 10 अक्तूबर को नामांकन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि है। मतदान की तिथि ब्लॉक प्रमुखों के लिए 13 अक्तूबर और जिला पंचायत के लिए 14 अक्तूबर नियत की गई है। वापसी की तिथि 11 अक्तूबर की तिथि नियत है। जिन पदों पर एक—एक प्रत्याशी ही नामांकन दाखिल करेंगे या वापसी के बाद एक—एक ही रह जाएगा, उन पर निर्वाचित होने की घोषणा कर दी जाएगी।