जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज निर्माण का काम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के प्रयास से संभव हुआ है। इसी के साथ ही रिंग रोड निर्माण की प्रक्रिया में भी तेजी आई है। मेडिकल कॉलेज बनने से हरिद्वार, हरिद्वार ग्रामीण, रानीपुर, लक्सर, ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के निवासियों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। रिंग रोड के निर्माण से आवागमन सुलभ होगा। जनपदवासियों ने कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का आभार जताया है।
हरिद्वार जनपद में जगजीतपुर में नगर निगम की ओर से दी गई निशुल्क भूमि में मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव पिछले दो साल से तैयार था। केंद्र सरकार ने भी करीब साढ़े चार सौ करोड़ रूपये का बजट स्वीकृत किया। लेकिन कोरोना कार्यकाल में भूमि पर अस्थाई अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया के लिए आदेश जारी हो गए। न तो अस्थाई अस्पताल बना और न ही स्थाई मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए कोई काम नहीं हुआ। अब जुलाई महीने में पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री बन गए और राज्य मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का भी कद बढ़ाते हुए कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। स्वामी यतीश्वरानंद की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मित्रता जगजाहिर है। सत्ता में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को सुपर सीएम के नाम से पुकारा जाता है। मुख्यमंत्री के करीबी होने के चलते हुए कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने अपनी विधानसभा के शुभारंभ प्वाइंट जगजीतपुर में मेडिकल कॉलेज के निर्माण शुरू कराने के प्रयास शुरू कर दिए। जिस पर सरकारी मशीनरी ने भी काम करना शुरू कर दिया, क्योंकि स्वामी यतीश्वरानंद को काम में लापरवाही पसंद नहीं और उनके गुस्से के प्रकोप से बचने के लिए सरकारी अधिकारी मैदान में उतर पड़े।
यही हाल रिंग रोड का था, पिछले 5 साल से केवल रिंग रोड की डीपीआर बनने का दावा किया जाता रहा, लेकिन किसी प्रकार के काम में तेजी नहीं थी। इससे भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार की किरकिरी होने लगी थी। आमजन से लेकर खासोआम चर्चा करते नजर आते थे कि केवल कोरी घोषणा है। लेकिन धामी और स्वामी की जुगलबंदी ने दोनों काम में तेजी लाकर साबित कर दिया कि इच्छा शक्ति हो तो बड़े से बड़ा काम हो सकता है।
इसी का नतीजा रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर को देहरादून में मेडिकल कॉलेज और रिंग रोड का शिलान्यास कर जनता को बड़ा तोहफा दिया।
कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का कहना है कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू हो चुका है। निर्माणदायी संस्था को सख्त निर्देश है कि निर्माण में किसी प्रकार की लापरवाही, अनियमितता, मिलावट आदि के साथ किसी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अनियमितता बरती गई तो निर्माण अन्य संस्था को सौंप दिया जाएगा।