भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए डीजी लाॅ एंड आर्डर अशोक कुमार ने आज पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में सम्बन्धित विभागों एवं इस क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक गोष्ठी आयोजित की। इस दौरान अशोक कुमार द्वारा बताया गया कि बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर मुख्यधारा में जोड़ने हेतु सभी विभागों को समन्वय स्थापित कर एक साथ कार्य करने की आवश्यकता है। जागरूकता, इनफोर्समेन्ट और पुनर्वास का लेवल और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है। समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता है। जिस प्रकार हल्द्वानी में वीरंगना ट्रस्ट द्वारा 123 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है और जनपद पिथौरागढ़ में घनश्याम कोली चाईल्ड वेलफेयर सोसाइटी द्वारा बच्चों का स्किल डवलेपमेन्ट बढ़ाकर भिक्षावृत्ति पर जो रोक लगायी गयी है वह इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।जनता में जागरूकता की काफी कमी है, उन्हें बताना होगा कि भिक्षावृत्ति एक अपराध है और भीख देकर आप इस अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं। चैराहों पर बैनर, पोस्टरों व सिनेमा हाॅल में शाॅर्ट मूवी के माध्यम से जनता को जागरूक करने हेतु विशेष प्रयास किये जांएगे। शीघ्र ही भिक्षावृत्ति के विरूद्ध जनपद देहरादून में सभी सम्बन्धित विभागों एवं इस क्षेत्र में कार्य कर रहे स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर एक सतत अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था दीपम सेठ, अपर पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था ममता वोहरा, सदस्य सीडब्लूसी सुधीर भट्ट, प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, सम्पूर्णा भट्ट, आशा कण्डारी, महिला कल्याण विभाग, आदिती कौर, अध्यक्ष चाईल्ड लाईन, सुरेश उनियाल, सदस्य बचपन बचाओ आन्दोलन, ज्ञानेन्द्र कुमार, अध्यक्ष इमपावरिंग पीपुल, कनिका शर्मा, आसरा ट्रस्ट, गुंजन अरोड़ा, वीरांगना ट्रस्ट, हल्द्वानी, अजय, घनश्याम कोली चाईल्ड वेलफेयर सोसाइटी, पिथौरागढ़ आदि मौजूद रहे।
इन बिन्दुओं पर किया गया विचार-विमर्श
1. पुलिस ने अभियान के दौरान बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराते हुए स्कूल में दाखिला दिलाने के साथ ही परिजनों के सुपुर्द किया तथा अन्य बच्चों को भी स्कूल में दाखिला कराने का प्रयास किया जा रहा है।
2. बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति के सम्बन्ध में यदि किसी गैंग या उनके माता-पिता की संलिप्तता पाये जाने पर उनके विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही की जाएगी।
3. पुलिस ने बच्चों के असली माता-पिता का पता न लगने पर डीएनए टेस्ट कराने की कार्यवाही की जाएगी।
4. स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर बच्चों का स्किल डवलेपमेन्ट कराने का प्रयास भी किया जाएगा।
5. चैराहों पर लाउडस्पीकर के माध्यम से जनता को बच्चों को भीख न देने के सम्बन्ध में जागरूक भी किया जाएगा।
6. मंगलवार, शनिवार एवं त्यौहारों पर मन्दिरों व अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर विशेष अभियान चलाये जाने का निर्णय भी लिया गया।
7. सभी विभागों एवं अन्य संस्थाओं को आपस में समन्वय स्थापित कर टीम वर्क के साथ कार्य किये जाने की आवश्यकता है।