कई ट्रेनें प्रभावित होने से यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी, शाम छह बजे सुचारू हुआ संचालन
हरिद्वार। भीमगोडा काली मंदिर के पास सोमवार सुबह करीब साढ़े छह बजे मंदिर के ठीक ऊपर से पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे आ गिरा, जिसके चलते दिनभर मंदिर को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया, इसके साथ ही हरिद्वार-देहरादून रेलवे ट्रैक भी दिनभर प्रभावित रहा। रेलवे कर्मचारियों ने ट्रैक से मलबा हटाया, जिसके चलते शाम छह बजे ट्रेनों का संचालन शुरू हो सका। वहीं शाम को मंदिर में भी पूजा-अर्चना के साथ आरती की गई। सुरक्षा के चलते फिलहाल श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में दर्शन करने पर रोक लगाई गई है।

23 ट्रेनें प्रभावित, यात्रियों को 12 घंटे तक परेशानी
हरिद्वार। सोमवार को हरिद्वार-दून रेलमार्ग पर यात्रियों के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गई, जब हरिद्वार-मोतीचूर रेलखंड पर भीमगोड़ा टनल के पास सुबह अचानक भूस्खलन हो गया। सुबह 6ः40 बजे काली मंदिर टनल के निकट भारी चट्टानें और मलबा ट्रैक पर आ गिरा, जिससे अप और डाउन दोनों रेल लाइनों पर आवाजाही ठप हो गई। इस वजह से करीब 12 घंटे तक रेल यातायात पूरी तरह बाधित रहा।
सुबह से शाम तक फंसे रहे यात्री
भूस्खलन के चलते सुबह पौने सात बजे से लेकर शाम पांच बजे तक रेल सेवाएं ठप रहीं। स्टेशन पर हजारों यात्री फंसे रहे। कई लोग लंबी दूरी की यात्रा पर निकले थे, जिन्हें घंटों स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा। प्लेटफार्मों पर यात्रियों की भीड़ बढ़ती गई, वहीं जानकारी के अभाव में कई लोग असमंजस में बैठे रहे। बुजुर्ग, छोटे बच्चों और बीमार यात्रियों को विशेष कठिनाई का सामना करना पड़ा।
रेलवे की त्वरित कार्रवाई, पांच बजे बहाल हुई लाइन
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन और स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। राहत व मरम्मत कार्य के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गईं और रेलवे इंजीनियरिंग टीमों ने तेजी से मलबा हटाने का काम शुरू किया। करीब 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शाम पांच बजे ट्रैक को चालू घोषित किया गया और धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन सामान्य होने लगा।

23 ट्रेनें प्रभावित, कई रद्द और कई का रूट बदला

इस घटना का असर कुल 23 ट्रेनों पर पड़ा। इनमें से कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं, कुछ की यात्रा बीच में समाप्त कर दी गई और कुछ को वैकल्पिक रूट से चलाया गया।

पूरी तरह रद्द ट्रेनें: देहरादून-आनंद विहार 22458, देहरादून-सहारनपुर 54342, ऋषिकेश-हरिद्वार 54482, हरिद्वार-ऋषिकेश 54483, ऋषिकेश-चंदौसी 54464, चंदौसी-ऋषिकेश 54463।

देरी से ये हुई रवाना: यमुनानगर-पुरी 18478 को सुबह 5रू35 की जगह शाम 5रू00 बजे रवाना किया गया।

बीच रास्ते समाप्त की गई ट्रेनें: हावड़ा-यमुनानगर 13009, अमृतसर-दून 14632, बाड़मेर-ऋषिकेश 14888, सुलतानपुर-दून 14113 समेत कई ट्रेनें हरिद्वार या अन्य स्टेशनों पर ही रोक दी गईं।

वैकल्पिक रूप से शुरू की गई ट्रेनें: देहरादून-अमृतसर 14631, ऋषिकेश-श्रीगंगानगर 14816, दून-सुलतानपुर 14114 आदि को हरिद्वार अथवा जानकीचट्टी से शुरू किया गया।

यात्रियों की मुश्किलें और भविष्य की तैयारी

लंबे समय तक रेल सेवाएं बाधित रहने से यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। कई लोगों ने बसों और निजी वाहनों से अपनी यात्रा जारी रखी। वहीं, रेलवे प्रशासन ने आश्वासन दिया कि ऐसे संवेदनशील इलाकों में निगरानी और सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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