पितृपक्ष का 16 दिवसीय काल दिवंगत पितरों की आत्मा की शांति, तृप्ति और मोक्ष के लिए समर्पित होता है : विकास गर्ग
पितृपक्ष अमावस्या पर श्रीराम नाम विश्व बैंक ने किया भंडारे का आयोजन
बाहर से आए तीर्थ श्रद्धालुओं और राहगीरों को बांटा प्रसाद, लोगों ने संस्था के कार्यों की सराहना
उत्तराखंड प्रहरी ब्यूरो / दीपा महेश्वरी,
हरिद्वार। पितृपक्ष की पितृ मोक्ष अमावस्या के अवसर पर श्रीराम नाम विश्व बैंक की ओर से भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। प्रसाद वितरण कार्यक्रम में आस्थावादी लोगों का हुजूम उमड़ा व लोगों ने संस्था द्वारा चलाए जा रहे प्रसाद वितरण स्टॉल के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
श्री राम नाम विश्व बैंक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुमित तिवारी ने कहा कि इस दिन को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है और यह पूरे श्राद्ध पक्ष का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यदि किसी कारण से श्राद्ध या तर्पण न हो पाए तो इस दिन किया गया पिण्डदान और तर्पण सभी पितरों को तृप्त करता है। गंगा स्नान, तिल-जल अर्पण, पिण्डदान व दान-पुण्य से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-शांति एवं समृद्धि बनी रहती है।
संस्था के महासचिव विकास गर्ग ने कहा कि हिंदू धर्म में पितृपक्ष को बेहद पवित्र समय माना गया है। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष का यह 16 दिवसीय काल दिवंगत पितरों की आत्मा की शांति, तृप्ति और मोक्ष के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इन दिनों में पितरों का आशीर्वाद पाने और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण करना आवश्यक होता है। आज के लिए किया गया दान सभी पितरों की तृप्ति करता है। व परिवार में सुख समृद्धि पितरों की कृपा बनाने में बड़ा सहायक होता है।
इस अवसर पर महंत परमानन्द पूरी जी महाराज, नरसिंह भवन के प्रबंधक राजेंद्र, राष्ट्रीय धर्मशाला सुरक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष चंद्रप्रकाश शर्मा, जोगेंद्र सिंह मावी, दीपा महेश्वरी, योगेश कौशिक, कुलदीप अरोड़ा, रोहित वर्मा, इशिका धीमान, मुकेश शर्मा, शिवम, देवेंद्र कुमार, बाबा चंद्रदेव सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे।

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