कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की खबरें लम्बे समय से सुर्खियों में है। भाजपा और नरेन्द्र मोदी को हराने के लिए विपक्ष भले ही चुनाव पूर्व किसी महागठबन्धन को साकार रूप न दे सका हो, लेकिन विपक्ष रणनीति और राजनीति साफ है इसके लिए विपक्षी दल व नेता समयानुकूल कोई भी समझौता कर सकते है। आज सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हल्द्वानी में इस बात का दावा किया है कि अगर प्रियंका नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ती है तो मोदी की हार तय है। प्रियंका की जीत और हार पर तमाम तरह के कयास और आंकड़ेबाजी अब तक होती रही है। राजनीति के जानकारों व चुनावी गणित की समझ रखने वालों का मानना है कि अकेले कांग्रेस अपने बूते पर मोदी को किसी भी सूरत में नहीं हरा सकती है। फिर जीत की सूरत क्या हो सकती है इस सवाल का जवाब सपा बसपा गठबन्धन के समर्थन से जरूर मिलता है। बनारस सीट सपा कोटे में है जिसने अभी तक यहां अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है और वह कांग्रेस के निर्णय का इतंजार कर रहे है। खबर यह भी है कि बसपा सुप्रीमो मायावती का नजरिया अलग है लेकिन कांग्रेस महासचिव दलित सेना के प्रमुख रावण से मेरठ में मिलकर इस बात का पुख्ता इंतजाम कर चुकी है कि बसपा का वोट कांग्रेस की झोली में ही आये। अगर पिछले चुनाव में सपा—बसपा और कांग्रेस को मिले वोटों का मत प्रतिशत जोड़ा जाये तो वह प्रियंका की दावेदारी को ही नहीं कुछ और भी पक्का करता है। यह तो रही आंकड़ों की बात तथा जातीय समीकरण की। जिसके दम पर कांग्रेस मोदी को चुनौती दे सकती है।
जहां तक बात हरीश रावत की है वह इसका कारण मोदी की जन्म कुण्डली में बन रहे काल सर्प योग को बताते है। उनका कहना है कि मोदी की कुंडली में काल सर्प योग बन रहा है ऐसी स्थिति में अगर कोई महिला प्रत्याशी मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ती है तो वह मोदी को हरा सकती है। उनका कहना है कि इसके लिए प्रियंका से बेहतर प्रत्याशी कोई नहीं हो सकता और अगर वह मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ती है तो मोदी की हार तय है।
